Banefits And Right Pose Of Simhasana In Hindi

(1) What Is Simhasana ? |Banefits And Right Pose Of Simhasana In Hindi?


नमस्कार दोस्तों आपका हमारे इस नए आर्टिकल में स्वागत है, आज हम सिखने वाले हैं। (सिंहसाना के फियदे)


सिम्हासन के बारे में जो एक काफी लाभदायक योग है और इस आसन को करने से क्या क्या लाभ शरीर में हो सकते हैं


इसी बात की चर्चा करने वाले हैं. साथ ही हम सिम्हासन करने के सारे तरीकों को अछे से समझेंगे। (Simhasana benefits In Hindi

Simhasana yoga in hindi

प्राचीन काल से ही हमारे पुराने ग्रंथों में भी इसका भली-भांति वर्णन किया गया है ऋषि मुनियों द्वारा योग क्रियाओं का करना काफी साधारण बात हुआ करती थी



    लेकिन जैसे-जैसे हमारे जीवन जीने की तरीकों में बदलाव आता गया वैसे हमारे लाइफस्टाइल में भी काफी बदलाव आ चुका है। (Simhasana ke fayde)


    आज लगभग हर व्यक्ति के दिमाग में यह धारणा बन चुकी है की वह अपने रोग को सिर्फ दवाइयों से ही ठीक कर सकते हैं


    यानि कि वह अपने रोग को ठीक करने के लिए दवाइयों और महंगे ऑपरेशंस पर ही निर्भर हो चुके हैं क्योंकि वह योग और आसन के ज्ञान से वंचित हैं। (सिंहसाना के फियदे)


    उनके घर में योग के प्रति जागरूकता लाने के लिए कोई भी व्यक्ति नहीं है लेकिन आप हमारी वेबसाइट पर योग और आसन से संबंधित जानकारी भी पा सकते हैं


    क्योंकि सेहत हर व्यक्ति की जिंदगी के लिए बहुत ही जरूरी है अगर आप स्वस्थ रहेंगे तो आप हर कार्य को आसानी से कर पाएंगे इसलिए योग के महत्व को जाने और इसका लाभ जरूर उठाएं। (Simhasana benefits In Hindi)


    आपकी सुविधा के लिए हमने एक YouTube विडियो भी लगाया है ताकि आपको सिम्हासन के लाभ और इसको करने के सारे स्टेप्स बिलकुल अछे से समझ आ सके


    (2) सिम्हासन योग करने का सही तरीका:-


    सिम्हासन में शरीर की आकृति शेर के भांति बन जाती है और इसके अभ्यास के लिए हम वज्रासन में बैठ जायेंगे और निचे दिए गए सारे स्टेप्स को अछे से फॉलो करेंगे

    • वज्रासन में बैठ जाने के बाद पीछे के दोनों पेरों को आपस में मिला लें तथा आगे के दोनों घुटनों को खोल देंगे जितना सहज हो सके जिस प्रकार से उत्थान्मंडल asana में खोला जाता है
    • घुटनों को खोलने के बाद अपने पीछे के पेरों की उँगलियों को मिलकर रखेंगे अपनी हाथों की उँगलियों को आगे की ओर खोलकर उँगलियों की दिशा अपनी ओर रखेंगे तथा अपनी हाथों को अपनी जांघों के समीप सता कर रखेंगे अपनी दोनों हाथों में कंधे के बिच सामान फासला होना आवश्यक है
    • पीठ पूरी सीधी होनी आवश्यक है निचे से ऊपर तक अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधी रखेंगे कुछ समय तक इसी अवस्था में रहकर कुछ लम्बी सांसें भरें
    • 1 से 2 minute तक लम्बी सांसें भरने के बाद सांस को बाहर छोड़ते हुए अपनी जीभ को बाहर निकालते हुए सिंह की भांति गर्जना करेंगे
    • अपनी पहली अवस्था में वापस आएंगे जिस प्रकार से वज्रासन में वापस जाते है अपने घुटनों को आपस में मिला लें इस प्रकार सिम्हासन का अभ्यास 5 से लेकर 12 बार तक सामान्य रूप से कर सकते है तथा 5 से 12 बार तक गर्जना करेंगे



    अभ्यास समाप्त हो जाने के बाद अपनी दोनों हथेलियों को आपस में घर्षण करे तथा अपनी हाथों में उतपन्न ऊष्मा से अपनी गर्दन की मालिस करें


    (3) सिम्हासन करने से क्या क्या लाभ होते हैं


    इस अभ्यास से हमारे सरीर में सकारात्मक उर्जा उत्पन्न होती है तथा गले के रोगों जैसे -थाइराइड,गले का बैठना ऐसे रोगों के निवारण हेतु यह लाभदायक है

    सिम्हासन में जब हम गर्जना करते है तो इसके कारण हमारे गले में खिंचाव उत्पन्न होना प्रारभ होता है जिससे गले की यह मांसपेशियां बलवान तथा मजबूत बनती है

    और रक्त का संचार इनमें भली भांति हो पता है हमारी आवाज मधुर बनती है इसके साथ साथ यह अभ्यास कान ,नाक ,जबड़े ,मष्तिष्क अदि संवेदी अंगों के लिए लाभदायक सिद्ध  होता है


    (4) सिम्हासन करने के नुक्सान और हानी:-


    ऐसे लोगों जिनकी घुटनों में समाश्या तथा दर्द रहता हो वे इस अभ्यास को जैसे उन्हें सहज लगे वैसी अवस्था में बैठकर अभ्यास कर सकते है


    और जिनमें गले से सम्बंधित रोगियों को यह सलाह है की इस अभ्यास को न करे तथा doctor के परामर्श पर ही इस आसन का अभ्यास करें


    (5) आखिर मे :-

    उम्मीद है की आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा और आपने भी सिम्हासन योग करने का सही तरीका भी सिखा होगा

    यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों और फॅमिली मेम्बेर्स के साथ शेयर भी कर सकते हैं ताकि उन्हें भी इस आर्टिकल का फायदा मिल सके. धन्यवाद!

    Post a Comment

    0 Comments
    * Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.