Benefits And Right Pose Of Shashankasan In Hindi

What Is Shashankasan? Benefits And Right Pose Of Shashankasan In Hindi

Shashankasna banefits in hindi

नमस्कार दोस्तों आपका हमारे इस नए आर्टिकल में स्वागत है, आज हम सिखने वाले हैं सशंकासन के बारे में जो एक काफी लाभदायक योग है(Shashankasan benefits In Hindi)

और इस आसन को करने से क्या क्या लाभ शरीर में हो सकते हैं, इसी बात की चर्चा करने वाले हैं. साथ ही हम सिम्हासन करने के सारे तरीकों को अछे से समझेंगे(शशांकसन के फियदे - Shashankasan ke fayde)

(1) सिम्हासन योग करने का सही तरीका ?

सशंकासन-इसके अभ्यास में हमारे सरीर की आकृति खरगोश की भांति बन जाती है और इसके अभ्यास के लिए हम वज्रासन में बैठ जायेंगे और निचे दिए गए सारे स्टेप्स को अछे से फॉलो करेंगे

(2) step 1 :-

इसके अभ्यास के लिए अपने स्थान पर वज्रासन में आ जायें पीठ पूरी तरह सीधी होनी रखें आगे से दोनों घुटनों में कन्धों के बराबर फासला रखे पीछे के पैर की उँगलियों को मिलकर रखेंगे अपने दोनों हाथों को आगे की और जमीं रखे और हाथों में कन्धों के बराबर फासला रखे

(3) Step 2 :-

एक लम्बी सांस भरे और सांस छोड़ते हुए अपने सरीर को आगे की और झुका देंगे कोहनियाँ सीधी अथवा हाथ सामने रहेंगे जितना हो सके अपने हाथों को आगे की और खिचेंगे अपनी ठुड्डी को जमीन पर रखेंगे और छाती को भी जमीन पर रखेंगे

(4) Step 3 :-

अपने सरीर को पीछे खीचेंगें तथा हाथों को आगे की ओर खिचेंगे पीठ और जंघाएँ स्थिर रखेंगे और फिर धीरे धीरे सांस भरते हुए सामान्य अवस्था में वापस आ जायेंगे।

सशंकासन का अभ्यास सामान्य रूप से दो से तिन बार तक किया जा सकता है और अपने सरीर को 30sec से 2min तक स्थिर रखने का प्रयास कर सकते हैं।

इसके अभ्यास में पूर्ण खिंचाव पीठ ,कमर ,कंधे ,गर्दन ,भुजाओं और हथेलियों पर पड़ता है और दबाव पेट पर महसूस होगा।


इस अभ्यास के बाद भुजन्गासन का अभ्यास करें ,इस अभ्यास को करने से पीठ को आराम का अनुभव करता है और भूजान्गासन के करने से सशंकासन की गुणवत्ता में वृद्धि होती है।

(5) सिम्हासन करने से क्या क्या लाभ होते हैं?

Shashankasan benefits in hindi - शशांकसन के फियदे - Shashankasan ke fayde?


पीठ दर्द ,बदन दर्द ,कन्धों में दर्द इसके अभ्यास से दर्द निवारण में सहायता मिलती है .इसके अभ्यास से सारा दबाव पेट पर पड़ता है।

जिसके कारन पेट और पेट के आन्तरिक अंग सहज रूप से अपना कार्य करते है।

भोजन का पाचन तिल से न होना ,कब्ज की समस्या रहना ,मोटापा इन सभी बिमारियों के निवारण हेतु यह अभ्यास लाभप्रद है।

इसके अभ्यास से रक्त का संचालन ऊपर के अंगों में भली भांति से हो पाता है जिससे मस्तिस्क में रक्त की मात्रा प्रयाप्त मिलने से मस्तिस्क अपना कार्य सहज रूप से कर पाता है।


(6) सिम्हासन करने के नुक्सान और हानी।

सावधानियां-उक्त रक्त चाप ,पेट से सम्बंधित कोई गंभीर रोग और चक्कर आने की स्थिति में इसका अभ्यास न करें।

(7) सावधानियां :-

  • अगर आपको कमर दर्द की समस्या है तो यह आसन ना करें।
  • अगर आपका किसी भी प्रकार की सर्जरी या ऑपरेशन हुआ है तो यह आसन ना करें।
  • गर्भवती महिलाओं को यह आसन नहीं करना चाहिए
  • यह आसन करते समय अगर कठिनाई महसूस हो तो यह आसन ना करें।
  • हाथ पैर आदि में चोट आई हो तो यह आसन नहीं करना चाहिए।


तो दोस्तों इस आसन को करते समय इन सावधानियों को जरूर ध्यान में रखें क्योंकि अगर आप इन्हें नजरअंदाज करेंगे तो यह आपके शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

इसलिए अच्छे से लाभ लेने के लिए इन सावधानियों को जरूर पढ़ें और ध्यान में रखें।


(8) आखिर मे :-

उम्मीद है की आपको हमारा यह आर्टिकल अच्छा लगा होगा और आपने भी सशंकासन योग करने का सही तरीका भी सिखा होगा।

यदि आपको यह आर्टिकल पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों और फॅमिली मेम्बेर्स के साथ शेयर भी कर सकते हैं ताकि उन्हें भी इस आर्टिकल का फायदा मिल सके. धन्यवाद! .

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